क्या है शनि साढ़ेसाती, कैसे पड़ता है इसका प्रभाव - magma sachkidunia

Breaking

BANNER 728X90

Sunday 19 February 2017

क्या है शनि साढ़ेसाती, कैसे पड़ता है इसका प्रभाव

शनि साढ़ेसाती का अर्थ गोचर में शनि का जन्म राशि से पहले की राशि पर, जन्म राशि पर व जन्म राशि से द्वितीय भाव की राशि पर भ्रमण से है। शनि एक राशि में ढाई साल रहते है। इस प्रकार वे तीन राशियों पर साढ़ेसाती साल में साढ़ेसाती का भ्रमण पूरा करते है। बारह राशियों पर इनका भ्रमण पूरे 30 साल में जाकर पूरा होता है।
महत्वपूर्ण अवधि 
शनि की साढेसाती के साढ़ेसाती साल व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होते है। शनि के गोचर के इन साढ़ेसाती सालों में व्यक्ति के जीवन में अनेक उतार-चढाव आते है। जैसे- किसी बालक को शनि की साढ़ेसाती शिक्षा काल में आयें तो बच्चों का पढ़ाई में मन कम लगता है। इस अवधि में उसे सामान्य से अधिक परिश्रम करने से सफलता की प्राप्ति होती है।

चन्द्र राशि का महत्व 

शनि की साढ़ेसाती में व्यक्ति को अनेक सफलताएं व असफलताएं मिलती है। शनि के गोचर के साढ़ेसाती साल की अवधि को व्यक्ति की जन्म राशि से गिना जाता है।
जन्म राशि से साढ़ेसाती का विचार 
व्यक्ति की कुण्डली में शनि की साढ़ेसाती का आरम्भ तब से माना जाता है जब शनि जन्म राशि के द्वादश स्थान पर गोचर करता है। इसलिये जब शनि चन्द्र से द्वादश भाव में गोचर करते हैं तो शनि की साढ़ेसाती का आरम्भ माना जाता है। काल पुरुष कि कुण्डली में द्वादश भाव से व्यक्ति के पैरों का विचार किया जाता है।

No comments:

Post a Comment